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नान स्टाप राइटिंग चेलैंज 2022 एडीशन 1 विश्वास( भाग 24)


              शीर्षक :-  विश्वास

       रितिक वाई पास पर खडे़ होकर अन्दर जाने वाली  सिटी बस का इन्तजार कर रहाथा।। ठन्ड का मौसम था।  हवा भी तेज चलरही थी। इस लिए वह ठन्ड से  बचकर जल्दी घर पहुँचना चाहता था। 

     रितिक ने एक औटो रिक्शा चालक  से बात की उसने शहर के अन्दर तक जाने के पूरे पचास रुपये की माँग रखदी। रितिक सोचने लगा घर जाकर भी सोना ही है कुछ देर तक बस का इन्तजार कर लेता हूँ क्यौकि बस दस रुपये में पहुँचा देगी। और यह पचास  माँग रहा है।

          उसी समय वहाँ  पर  आकर एक बस और रुकी । उसमें से भी  तीन चार सवारी उतरी।  उसी बसमें से एक बाईस तेईस साल की जवान लड़की भी उतरी। वह लड़की उतर कर इधर उधर घूमने लगी।

     वह लड़की भी औटो वाले के पास गयी और शहर चलने के लिए पूछने लगी परन्तु पचास रुपये  सुनकर वह भी  चुप होगयी।  रात के दस बज रहे थे। लड़की के चेहरे पर चिन्ता के भाव नजर आरहे थे।

           उसी समय वहाँ एक बाईक पर सवार दो लड़के आये और उस लड़की से बोले ," मैडम कहाँ चलना है ? यदि शहर की तरफ चलना है तो बाइक पर बैठो हम छोड़देते है।"

     लड़की उनकी बातें सुनकर डरसी गयी और बोली," नही मै बस से चली जाऊँगी। " और वह सिकुड़कर खडी़ होगयी।

           उनमेंसे एक लड़का बोला," मैडम बस का क्या भरोसा हमने तो तुम्हारी परैशानी देखकर कहा था। अब तुम्हारी मर्जी।" इतना कहकर वह चलते बने।


      उन लड़कौ  के जाने के बाद वह लड़की कुछ नार्मल हुई उसी समय  रितिक ने उस लड़की के पास  जाकर पूछा," आप कहाँ से आई है यदि आपको शहर जाना है तब हम तुम दोनौ औटो करलेते है । किराया आधा आधा कर लेंगे।"

    वह लड़की पहले से डरी हुई थी रितिक की बात सुनकर और डर गयी। वह बोली," नहीं मै बस से चली जाऊँगी। "

     रितिक ने पुनः पूछा " आपको शहर कहाँ जाना है?"

 वह कुछ नार्मल होते हुए बोली." मुझे गर्लस होस्लट जाना है।"

 रितिक बोला," आपको इतनी रात यहाँ नहीं उतरना चाहिए थाअथवा आपको अपने पापा को साथ लेकर आना चाहिए। आपने उन लड़कौ के साथ न जाकर अच्छा किया ।वह लड़के बिगडे़ हुए है उनका रात को यही काम है वह मजबूर लड़कियौ को फसाकर लेजाते है।"

        उस लड़की का नाम रश्मि था वह यहाँ पर एम बी ए की पढा़ई कर रही थी वह गर्ल्स होस्टल में रहती थी। आज उसकी बस लेट होगयी थी। शहर के अन्दर जाने वाली बस काफी लेट आने वाली थी। आज कल बसैं बाई पास से ही निकल जाती थी। ऐसा ही  रश्मि के साथ हुआ था।

   जिस समय रितिक व रश्मी आपस में बात कर रहे थे उसी समय सिटी बस भी आगयी । रितिक व रश्मि को एक ही स्टैन्ड पर उतरना था। रश्मि का होस्टल स्टैन्ड से  पाचसौ मीटर की दूरी पर था।

    जब रितिक व रश्मी बस से उतरे तब रश्मि रितिक की तरफ देखने लगी । उसको रितिक पर विश्वास होगया था क्यौकि जब रितिक बस में बैठा तब रश्मि भी उसके साथ ही बैठी थी परन्तु रितिक उससे दूर हटकर बैठा था ।आजकल के लड़के लड़की के पास सटकर बैठने की कोशिश करते है ।

     रितिक समझ गया कि वह होस्टल तक अकेली जाने में डर रही है। रितिक ने ही पूछ लिया ," किस नाम से पुकारू आपको ?"
 
       "मेरा नाम रश्मि है?: वह बोली

      रश्मिजी कहो तो मै आपको होस्टल तक छोड़दू क्यौकि यह रास्ता पहले ही सुन सान है ।  दूसरे नगर निगम वाले एकभी लाइट नही लगवाते है जिससे यहाँ कोई न कोई घटना घटती ही है।"

     रश्मि तो यही चाहती थी उसने हाँ कहदी।

       रास्ते में जाते हुए रितिक ने रश्मि के दिल में ऐसा विश्वास जगा दिया कि उसने रितिक का मोबाइल नम्बर माँग लिया। रितिक भी उसको होस्टल के गेट तक छोड़कर  अपने घर गया।

   घर पर उसकी पत्नी उसकी प्रतीक्षा कर रही थी जब पत्नी ने उसके देर से आने का कारण पूछा । रितिक ने पूरा सच पत्नी को बतादिया। जिसे सुनकर पत्नी बहुत खुश हुई और उसे गले लगा कर बोली," आप बास्तव में बहुत अच्छे है आपने एक लड़की की रक्षा करके नेक काम किया है।

      इस तरह रितिक ने पत्नी व रश्मि दोनौ को अपने विश्वास सेखुश कर दिया।

नान स्टाप राइटिंग चैलेन्ज  हेतु रचना।
नरेश शर्मा "पचौरी "

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4 Comments

Gunjan Kamal

15-Oct-2022 03:51 PM

बहुत खूब

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Seema Priyadarshini sahay

11-Oct-2022 04:57 PM

बेहतरीन रचना

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Chetna swrnkar

11-Oct-2022 06:32 AM

Very nice

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